Love story लव स्टोरी
मूमल-महिन्द्रा की प्रेम कहानी
Love story in hindi "जरात का हमीर जाडेजा अपनी ससुराल अमरकोट (सिंध) आया हुआ था |
उसका विवाह अमरकोट के राणा वीसलदे सोढा की पुत्री से हुआ था |
राणा वीसलदे का पुत्र महिंद्रा व हमीर हमउम्र थे इसलिए दोनों में खूब जमती थी साथ खेलते,खाते,पीते,शिकार करते और मौज करते |
एक दिन दोनों शिकार करते समय एक हिरण का पीछा करते करते दूर लोद्र्वा राज्य की काक नदी के पास आ पहुंचे उनका शिकार हिरण अपनी जान बचाने काक नदी में कूद गया,
दोनों ने यह सोच कि बेचारे हिरण ने जल में जल शरण ली है अब उसे क्या मारना |
शिकार छोड़ जैसे दोनों ने इधर उधर नजर दौड़ाई तो नदी के उस पार उन्हें एक सुन्दर बगीचा व उसमे बनी एक दुमंजिली झरोखेदार मेड़ी दिखाई दी |
इस सुनसान स्थान मे इतना सुहावना स्थान देख दोनों की तबियत प्रसन्न हो गयी | love story.
अपने घोड़े नदी मे उतार दोनों ने नदी पार कर बागीचे मे प्रवेश किया इस वीरानी जगह पर इतना सुन्दर बाग़ देख दोनों आश्चर्यचकित थे कि अपने पडौस मे ऐसा नखलिस्तान !
क्योंकि अभी तक तो दोनों ने ऐसे नखलिस्तानों के बारे मे सौदागरों से ही चर्चाएँ सुनी थी |
उनकी आवाजें सुन मेड़ी मे बैठी मूमल ने झरोखे से निचे झांक कर देखा तो उसे गर्दन पर लटके लम्बे काले बाल,भौंहों तक तनी हुई मूंछे,चौड़ी छाती और...
मांसल भुजाओं वाले दो खुबसूरत नौजवान अपना पसीना सुखाते दिखाई दिए |
कहते कहते नाई बताने लगा-" अखन कुँवारी मूमल,पुरुषों से दूर अपने ही राग रंग मे डूबी रहती है|
कांच का फर्श पार कर सीढियाँ चढ़कर महिंद्रा मूमल की मेड़ी मे प्रविष्ट हुआ आगे मूमल खड़ी थी,जिसे देखते ही महिंद्रा ठिठक गया |
मूमल से वापस आकर मिलने का वायदा कर महिन्द्रा अमरकोट के लिए रवाना तो हो गया पर...
रात होते ही जब रामू राइका चीतल लेकर नहीं आया तो महिंद्रा उसके घर गया वहां उसे पता चला कि...
महिंद्रा टोरडी पर सवार हो लोद्र्वा के लिए रवाना होने लगा पर मूमल से मिलने की बैचेनी के चलते वह भूल गया कि...
कई दिनों तक मूमल महिंद्रा का इंतजार करती रही कि वो आएगा और जब आएगा तो सारी गलतफहमियां दूर हो जाएँगी |
तेरी मूमल राणी है उदास
मूमल के बुलावे पर
असल प्रियतम महेन्द्रा अब तो घर आव |"
ढोली के द्वारा गयी मांढ सुनकर भी महिंद्रा का दिल नहीं पसीजा और..
नौकर के मुंह से इतना सुनते ही मूमल पछाड़ खाकर धरती पर गिर पड़ी..
मूमल ने तुरंत अपनी दासी को बुलाकर कर कहा- नीचे जा, नौकरों से कह इन सरदारों के घोड़े पकड़े व इनके रहने खाने का इंतजाम करे..
दोनों किसी अच्छे राजपूत घर के लगते है शायद रास्ता भूल गए है इनकी अच्छी खातिर करा |
Best love story in hindi के प्यार में अजनबी
मूमल के आदेश से नौकरों ने दोनों के आराम के लिए व्यवस्था की,उन्हें भोजन कराया |
तभी मूमल की एक सहेली ने आकर दोनों का परिचय पूछा |
हमीर ने अपना व महिंद्रा का परिचय दिया और पूछा कि तुम किसकी सहेली हो ? ये सुन्दर बाग़ व झरोखेदार मेड़ी किसकी की है ? और हम किस सुलक्षीणी के मेहमान है ?
मूमल की सहेली कहने लगी- "क्या आपने मूमल का नाम नहीं सुना ? उसकी चर्चा नहीं सुनी... ?
मूमल जो जगप्यारी मूमल के नाम से पुरे माढ़ (जैसलमेर) देश मे प्रख्यात है |
जिसके रूप से यह सारा प्रदेश महक रहा है जिसके गुणों का बखान यह काक नदी कल-कल कर गा रही है |
यह झरोखेदार मेड़ी और सुन्दर बाग़ उसी मूमल का है जो अपनी सहेलियों के साथ यहाँ अकेली ही रहती है | कह कर सहेली चली गयी,love story bollywood.
तभी भोजन का जूंठा थाल उठाने आया नाई बताने लगा -" सरदारों आप मूमल के बारे मे क्या पूछते हो |
तभी भोजन का जूंठा थाल उठाने आया नाई बताने लगा -" सरदारों आप मूमल के बारे मे क्या पूछते हो |
उसके रूप और गुणों का तो कोई पार ही नहीं | वह शीशे मे अपना रूप देखती है तो शीशा टूट जाता है |
श्रंगार कर बाग़ मे आती है चाँद शरमाकर बादलों मे छिप जाता है |
उसकी मेड़ी की दीवारों पर कपूर और कस्तूरी का लेप किया हुआ है,रोज ओख्लियों मे कस्तूरी कुटी जाती है,मन-मन दूध से वह रोज स्नान करती है,शरीर पर चन्दन का लेप कराती है |
मूमल तो इस दुनिया से अलग है भगवान् ने वैसी दूसरी नहीं बनाई |"
Love story shayari की तरह..
कहते कहते नाई बताने लगा-" अखन कुँवारी मूमल,पुरुषों से दूर अपने ही राग रंग मे डूबी रहती है|
एक से एक खुबसूरत,बहादुर,गुणी,धनवान,जवान,राजा,राजकुमार मूमल से शादी करने आये पर मूमल ने तो उनकी और देखा तक नहीं उसे कोई भी पसंद नहीं आया |
मूमल ने प्रण ले रखा है कि वह विवाह उसी से करेगी जो उसका दिल जीत लेगा,नहीं तो पूरी उम्र कुंवारी ही रहेगी |"
कुछ ही देर मे मूमल की सहेली ने आकर कहा कि आप दोनों मे से एक को मूमल ने बुलाया है |
हमीर ने अपने short love story में साले महेन्द्रा को जाने के लिए कहा पर महिन्द्रा ने हमीर से कहा- पहले आप |
हमीर को मेड़ी के पास छोड़ सहेली ने कहा -" आप भीतर पधारें ! मूमल आपका इंताजर कर रही है |
हमीर जैसे ही आगे चौक मे पहुंचा तो देखा आगे उसका रास्ता रोके एक शेर बैठा है और दूसरी और देखा तो उसे एक अजगर रास्ते पर बैठा दिखाई दिया|
कुछ ही देर मे मूमल की सहेली ने आकर कहा कि आप दोनों मे से एक को मूमल ने बुलाया है |
हमीर ने अपने short love story में साले महेन्द्रा को जाने के लिए कहा पर महिन्द्रा ने हमीर से कहा- पहले आप |
हमीर को मेड़ी के पास छोड़ सहेली ने कहा -" आप भीतर पधारें ! मूमल आपका इंताजर कर रही है |
हमीर जैसे ही आगे चौक मे पहुंचा तो देखा आगे उसका रास्ता रोके एक शेर बैठा है और दूसरी और देखा तो उसे एक अजगर रास्ते पर बैठा दिखाई दिया|
हमीर ने सोचा मूमल कोई डायन है और नखलिस्तान रचकर पुरुषों को अपने जाल मे फंसा मार देती होगी|
वह तुरंत उल्टे पाँव वापस हो चौक से निकल आया|
Love story in hindi book की तरह
हमीर व महिंद्रा आपसे बात करते तब तक मूमल की सहेली आ गयी और महिंद्रा से कहने लगी आप आईये मूमल आपका इंतजार कर रही है |
महिंद्रा ने अपना अंगरखा पहन हाथ मे भाला ले सहेली के पीछे पीछे चलना शुरू किया |
सहेली ने उसे भी हमीर की तरह चौक मे छोड़ दिया,महिंद्रा को भी चौक मे रास्ता रोके शेर बैठा नजर आया उसने तुरंत अपना भाला लिया और शेर पर पूरे वेग से प्रहार कर दिया |
Love story english "शेर जमीन पर लुढ़क गया और उसकी चमड़ी मे भरा भूसा बाहर निकल आया|
महिंद्रा यह देख मन ही मन मुस्कराया कि मूमल उसकी परीक्षा ले रही है |
तभी उसे आगे अजगर बैठा दिखाई दिया महिंद्रा ने भूसे से भरे उस अजगर के भी अपनी तलवार के प्रहार से टुकड़े टुकड़े कर दिए |
अगले चौक मे महिंद्रा को पानी भरा नजर आया,महिंद्रा ने पानी की गहराई नापने हेतु जैसे पानी मे भाला डाला तो ठक की आवाज आई..
महिंद्रा समझ गया कि जिसे वह पानी समझ रहा है वह कांच का फर्श है |
Love story के बेपनाह मोहोब्बत
कांच का फर्श पार कर सीढियाँ चढ़कर महिंद्रा मूमल की मेड़ी मे प्रविष्ट हुआ आगे मूमल खड़ी थी,जिसे देखते ही महिंद्रा ठिठक गया |
मूमल ऐसे लग रही थी जैसे काले बादल मे बिजली चमकी हो, एड़ी तक लम्बे काले बाल मानों..
काली नागिन सिर से जमीन पर लोट रही हों|
चम्पे की डाल जैसी कलाइयाँ,बड़ी बड़ी सुन्दर आँखे, ऐसे लग रही थी..
जैसे मद भरे प्याले हो,तपे हुए कुंदन जैसा बदन का रंग,वक्ष जैसे किसी सांचे मे ढाले गए हों,पेट जैसे पीपल का पत्ता,अंग-अंग जैसे उफन रहा हो |
एक लड़की की अधूरी लव स्टोरी
मूमल का यह रूप देखकर महिंद्रा के मुंह से अनायास ही निकल पड़ा-" न किसी मंदिर मे ऐसी मूर्ति होगी और न किसी राजा के रणवास मे ऐसा रूप होगा |
मूमल का यह रूप देखकर महिंद्रा के मुंह से अनायास ही निकल पड़ा-" न किसी मंदिर मे ऐसी मूर्ति होगी और न किसी राजा के रणवास मे ऐसा रूप होगा |
Bollywood love story की तरह " महिंद्रा तो मूमल को ठगा सा देखता ही रहा | उसकी नजरें मूमल के चेहरे को एकटक देखते जा रही थी दूसरी और...
मूमल मन में कह रही थी - क्या तेज है इस नौजवान के चेहरे पर और नयन तो नयन क्या खंजर है |
दोनों की नजरें आपस में ऐसे गड़ी कि हटने का नाम ही नहीं ले रही थी |
आखिर मूमल ने नजरे नीचे कर महिंद्रा का स्वागत किया दोनों ने खूब बाते की ,बातों ही बातों में दोनों एक दुसरे को कब दिल दे बैठे पता ही न चला...
आखिर मूमल ने नजरे नीचे कर महिंद्रा का स्वागत किया दोनों ने खूब बाते की ,बातों ही बातों में दोनों एक दुसरे को कब दिल दे बैठे पता ही न चला...
और न ही पता चला कि कब रात ख़त्म हो गयी और कब सुबह का सूरज निकल आया |
उधर हमीर को महेन्द्रा के साथ कोई अनहोनी ना हो जाये सोच कर नींद ही नहीं आई |
उधर हमीर को महेन्द्रा के साथ कोई अनहोनी ना हो जाये सोच कर नींद ही नहीं आई |
सुबह होते ही उसने नाई के साथ संदेशा भेज महिंद्रा को बुलवाया और चलने को कहा |
Romantic novel
महिंद्रा का मूमल को छोड़कर वापस चलने का मन तो नहीं था पर मूमल से यह कह- "मैं फिर आवुंगा मूमल, बार बार आकर तुमसे मिलूँगा |"
दोनों वहां से चल दिए हमीर गुजरात अपने वतन रवाना हुआ और महिंद्रा अपने राज्य अमरकोट |
मूमल से वापस आकर मिलने का वायदा कर महिन्द्रा अमरकोट के लिए रवाना तो हो गया पर...
पूरे रास्ते उसे मूमल के अलावा कुछ और दिखाई ही नहीं दे रहा था वह तो सिर्फ यही गुनगुनाता चला जा रहा था -
म्हारी माढेची ए मूमल , हाले नी अमराणे देस |
" मेरी मांढ देश की मूमल, आओ मेरे साथ अमरकोट चलो love story
महेन्द्रा अमरकोट पहुँच वहां उसका दिन तो किसी तरह कट जाता पर शाम होते ही उसे मूमल ही मूमल नजर आने लगती..
म्हारी माढेची ए मूमल , हाले नी अमराणे देस |
" मेरी मांढ देश की मूमल, आओ मेरे साथ अमरकोट चलो love story
महेन्द्रा अमरकोट पहुँच वहां उसका दिन तो किसी तरह कट जाता पर शाम होते ही उसे मूमल ही मूमल नजर आने लगती..
वह जितना अपने मन को समझाने की कोशिश करता उतनी ही मूमल की यादें और बढ़ जाती |
वह तो यही सोचता कि कैसे लोद्र्वे पहुँच कर मूमल से मिला जाय ...
आखिर उसे सुझा कि अपने ऊँटो के टोले में एसा ऊंट खोजा जाय जो रातों रात लोद्र्वे जाकर सुबह होते ही वापस अमरकोट आ सके |
उसने अपने रायका रामू (ऊंट चराने वाले) को बुलाकर पूछा तो रामू रायका ने बताया कि...
Love story novel
उसने अपने रायका रामू (ऊंट चराने वाले) को बुलाकर पूछा तो रामू रायका ने बताया कि...
उसके टोले में एक चीतल नाम का ऊंट है जो..
बहुत तेज दौड़ता है और वह उसे आसानी से रात को लोद्र्वे ले जाकर वापस सुबह होने से पहले ला सकता है |
फिर क्या था रामू रायका रोज शाम को चीतल ऊंट को सजाकर महेन्द्रा के पास ले आता और..
महेन्द्रा चीतल पर सवार हो एड लगा लोद्र्वा मूमल के पास जा पहुँचता |
तीसरे प्रहार महेन्द्रा फिर चीतल पर चढ़ता और सुबह होने से पहले अमरकोट आ पहुँचता |
महेन्द्रा विवाहित था उसके सात पत्नियाँ थी |
महेन्द्रा विवाहित था उसके सात पत्नियाँ थी |
मूमल के पास से वापस आने पर वह सबसे छोटी पत्नी के पास आकर सो जाता इस तरह कोई सात आठ महीनों तक उसकी यही दिनचर्या चलती रही..
इन महीनों में वह बाकी पत्नियों से तो मिला तक नहीं इसलिए वे सभी सबसे छोटी बहु से ईर्ष्या करनी लगी...
और एक दिन जाकर इस बात पर love story उन्होंने अपनी सास से जाकर शिकायत की |
सास ने छोटी बहु को समझाया कि बाकी पत्नियों को भी महिंद्रा ब्याह कर लाया है...
उनका भी उस पर हक़ बनता है इसलिए महिंद्रा को उनके पास जाने से मत रोका कर |
तब महिंद्रा की छोटी पत्नी ने अपनी सास को बताया कि महिंद्रा तो उसके पास रोज सुबह होने से पहले आता है और...
आते ही सो जाता है उसे भी उससे बात किये कोई सात आठ महीने हो गए |
वह कब कहाँ जाते है,कैसे जाते है,क्यों जाते है मुझे कुछ भी मालूम नहीं |
छोटी बहु की बाते सुन महिंद्रा की माँ को शक हुवा और उसने यह बात अपनी पति राणा वीसलदे को बताई |
Love story 2020 की तरह love story in hindi
चतुर वीसलदे ने छोटी बहु से पूछा कि जब महिंद्रा आता है तो उसमे क्या कुछ ख़ास नजर आता है |
छोटी बहु ने बताया कि जब रात के आखिरी प्रहर महिंद्रा आता है तो उसके बाल गीले होते है जिनमे से पानी टपक रहा होता है |
चतुर वीसलदे ने बहु को हिदायत दी कि आज उसके बालों के नीचे कटोरा रख उसके भीगे बालों से टपके पानी को इक्कठा कर मेरे पास लाना |
चतुर वीसलदे ने बहु को हिदायत दी कि आज उसके बालों के नीचे कटोरा रख उसके भीगे बालों से टपके पानी को इक्कठा कर मेरे पास लाना |
बहु ने यही किया और कटोरे में एकत्र पानी वीसलदे के सामने हाजिर किया |
वीसलदे ने पानी चख कर कहा- " यह तो काक नदी का पानी है इसका मतलब महिंद्रा जरुर मूमल की मेंड़ी में उसके पास जाता होगा |
महिंद्रा की सातों पत्नियों को तो मूमल का नाम सुनकर जैसे आग लग गयी |
महिंद्रा की सातों पत्नियों को तो मूमल का नाम सुनकर जैसे आग लग गयी |
उन्होंने आपस में सलाह कर love story in hindi "ये पता लगाया कि महेन्द्रा वहां जाता कैसे है |
जब उन्हें पता चला कि महेन्द्रा चीतल नाम के ऊंट पर सवार हो मूमल के पास जाता है तो दुसरे दिन उन्होंने चीतल ऊंट के पैर तुड़वा दिए..
ताकि उसके बिना महिंद्रा मूमल के पास ना जाने पाए |
रात होते ही जब रामू राइका चीतल लेकर नहीं आया तो महिंद्रा उसके घर गया वहां उसे पता चला कि...
चीतल के तो उसकी पत्नियों ने पैर तुड़वा दिए है तब उसने रामू से चीतल जैसा दूसरा ऊंट माँगा |
रामू ने कहा -" उसके टोले में एक तेज दौड़ने वाली एक टोरडी (छोटी ऊंटनी) है तो,
रामू ने कहा -" उसके टोले में एक तेज दौड़ने वाली एक टोरडी (छोटी ऊंटनी) है तो,
सही पर कम उम्र होने के चलते वह चीतल जैसी सुलझी हुई व अनुभवी नहीं है |
आप उसे ले जाये पर ध्यान रहे उसके आगे चाबुक ऊँचा ना करे,चाबुक ऊँचा करते ही वह चमक जाती है और..
जिधर उसका मुंह होता उधर ही दौड़ना शुरू कर देती है तब उसे रोकना बहुत मुश्किल है |
Love story khani के कुछ पल
चाबुक ऊँचा नहीं करना है और चाबुक ऊँचा करते ही टोरडी ने एड लगायी और सरपट भागने लगी,
अँधेरी रात में महिंद्रा को रास्ता भी नहीं पता चला कि वह कहाँ पहुँच गया थोड़ी देर में महिंद्रा को एक झोंपड़े में दिया जलता नजर आया..
वहां जाकर उसने उस क्षेत्र के बारे में पूछा तो पता चला कि वह लोद्र्वा की जगह बाढ़मेर पहुँच चूका है|
रास्ता पूछ जब महिंद्रा लोद्र्वा पहुंचा तब तक रात का तीसरा प्रहर बीत चूका था |
मूमल उसका इंतजार कर सो चुकी थी उसकी मेंड़ी में दिया जल रहा था |
उस दिन मूमल की बहन सुमल भी मेंड़ी में आई थी दोनों की बाते करते करते आँख लग गयी थी |
Best love story "सहेलियों के साथ दोनों बहनों ने देर रात तक खेल खेले थे,
सुमल ने खेल में पुरुषों के कपडे पहन पुरुष का अभिनय किया था |
और वह बातें करती करती पुरुष के कपड़ों में ही मूमल के पलंग पर उसके साथ सो गयी |
महिंद्रा मूमल की मेंड़ी पहुंचा सीढियाँ चढ़ जैसे ही मूमल के कक्ष में घुसा और देखा कि मूमल तो किसी पुरुष के साथ सो रही है |
महिंद्रा मूमल की मेंड़ी पहुंचा सीढियाँ चढ़ जैसे ही मूमल के कक्ष में घुसा और देखा कि मूमल तो किसी पुरुष के साथ सो रही है |
यह दृश्य देखते ही महिंद्रा को तो लगा जैसे उसे एक साथ हजारों बिच्छुओं ने काट खाया हो |
उसके हाथ में पकड़ा चाबुक वही गिर पड़ा और love story में वह जिन पैरों से आया था उन्ही से चुपचाप बिना किसी को कुछ कहे वापस अमरकोट लौट आया |
वह मन ही मन सोचता रहा कि जिस मूमल के लिए मैं प्राण तक न्योछावर करने के लिए तैयार था वह मूमल ऐसी निकली |
जिसके लिए मैं कोसों दूर से आया हूँ वह पर पुरुष के साथ सोयी मिलेगी | धिक्कार है ऐसी औरत पर |
सुबह आँख खुलते ही मूमल की नजर जैसे महिंद्रा के हाथ से छूटे चाबुक पर पड़ी वह समझ गयी कि महेन्द्रा आया था...
सुबह आँख खुलते ही मूमल की नजर जैसे महिंद्रा के हाथ से छूटे चाबुक पर पड़ी वह समझ गयी कि महेन्द्रा आया था...
पर शायद किसी बात से नाराज होकर चला गया |उसके दिमाग में कई कल्पनाएँ आती रही |
प्रेम कहानी love story in hindi
कई दिनों तक मूमल महिंद्रा का इंतजार करती रही कि वो आएगा और जब आएगा तो सारी गलतफहमियां दूर हो जाएँगी |
पर महिंद्रा नहीं आया | मूमल उसके वियोग में फीकी पड़ गई उसने श्रंगार करना छोड़ दिया |
खना पीना भी छोड़ दिया उसकी कंचन जैसी काया काली पड़ने लगी |
उसने महिंद्रा को कई चिट्ठियां लिखी पर महिंद्रा की पत्नियों ने वह चिट्ठियां महिंद्रा तक पहुँचने ही नहीं दी|
आखिर मूमल ने एक ढोली (गायक) को बुला महेन्द्रा के पास भेजा |
पर उसे भी महिंद्रा से नहीं मिलने दिया गया | पर वह किसी तरह महेन्द्रा के महल के पास पहुँचने में कामयाब हो गया..
और रात पड़ते ही उस ढोली ने लव स्टोरी मांढ राग में गाना शुरू किया -
" तुम्हारे बिना,सोढा राण, यह धरती धुंधली
" तुम्हारे बिना,सोढा राण, यह धरती धुंधली
तेरी मूमल राणी है उदास
मूमल के बुलावे पर
असल प्रियतम महेन्द्रा अब तो घर आव |"
ढोली के द्वारा गयी मांढ सुनकर भी महिंद्रा का दिल नहीं पसीजा और..
उसने ढोली को कहला भेजा कि -" मूमल से कह देना न तो मैं रूप का लोभी हूँ और न ही वासना का कीड़ा |
मैंने अपनी आँखों से उस रात उसका चरित्र देख लिया है जिसके साथ उसकी घनिष्ठता है उसी के साथ रहे | मेरा अब उससे कोई सम्बन्ध नहीं |"
ढोली द्वारा सारी बात सुनकर मूमल के पैरों तले की जमीन ही खिसक गई अब उसे समझ आया कि महेन्द्रा क्यों नहीं आया |
ढोली द्वारा सारी बात सुनकर मूमल के पैरों तले की जमीन ही खिसक गई अब उसे समझ आया कि महेन्द्रा क्यों नहीं आया |
Conclusion प्यार का आखरी तोफा
मूमल ने love story में तो सपने में भी नहीं सोचा था कि उसे एसा कलंक लगेगा |
उसने तुरंत अमरकोट जाने के लिए रथ तैयार करवाया ताकि अमरकोट जाकर महिंद्रा से मिल उसका बहम दूर किया जा सके कि..
उसने तुरंत अमरकोट जाने के लिए रथ तैयार करवाया ताकि अमरकोट जाकर महिंद्रा से मिल उसका बहम दूर किया जा सके कि..
वह कलंकिनी नहीं है और उसके सिवाय उसका कोई नहीं |
अमरकोट में मूमल के आने व मिलने का आग्रह पाकर महिंद्रा महिंद्रा ने सोचा,शायद मूमल पवित्र है ,लगता है मुझे ही कोई ग़लतफ़हमी हो गई |
अमरकोट में मूमल के आने व मिलने का आग्रह पाकर महिंद्रा महिंद्रा ने सोचा,शायद मूमल पवित्र है ,लगता है मुझे ही कोई ग़लतफ़हमी हो गई |
और उसने मूमल को सन्देश भिजवाया कि वह उससे सुबह मिलने आएगा | मूमल को इस सन्देश से आशा बंधी |
रात को महेन्द्रा ने सोचा कि -देखें,मूमल मुझसे कितना प्यार करती है ?"'
सो सुबह उसने अपने नौकर के सिखाकर मूमल के डेरे पर भेजा |
रात को महेन्द्रा ने सोचा कि -देखें,मूमल मुझसे कितना प्यार करती है ?"'
सो सुबह उसने अपने नौकर के सिखाकर मूमल के डेरे पर भेजा |
नौकर रोता-पीटता मूमल के डेरे पर पहुंचा और कहने लगा कि -"महिंद्रा जी को रात में काले नाग ने डस लिया जिससे उनकी मृत्यु हो गयी |
नौकर के मुंह से इतना सुनते ही मूमल पछाड़ खाकर धरती पर गिर पड़ी..
और पड़ते ही महिंद्रा के वियोग में उसके प्राण पखेरू उड़ गए |
Love story में महेन्द्रा को जब मूमल की मृत्यु का समाचार मिला तो वह सुनकर उसी वक्त पागल हो गया और...
Love story में महेन्द्रा को जब मूमल की मृत्यु का समाचार मिला तो वह सुनकर उसी वक्त पागल हो गया और...
सारी उम्र " हाय म्हारी प्यारी मूमल,म्हारी प्यारी मूमल" कहता फिरता रहा...|