krishna ki love story


Love story हम  जब कभी भी नाम लेते हैं तो कहते हैं राधा -कृष्ण कभी भी राधा और श्रीकृष्ण नहीं कहते!

 कारण यह है कि राधा कृष्ण अलग अलग नहीं है  बल्कि एक माने जाते हैं  क्योंकि इनका प्यार  दो शरीर होते हुए भी  एक आत्मा थे!

श्री कृष्ण ने Love story में  कहीं बार इस बात को एहसास कराया है!

एक बार श्री कृष्ण  स्वयं  राधा बन जाते हैं तो कभी राधा का मुंह दूध से जल जाता है तो श्रीकृष्ण को फफोले आ जाते हैं!

ऐसे ही एक घटना जिसे पढ़ने के बाद आप यह  आप यह जान पाएंगे कि  राधा और कृष्ण के बीच  कैसा अद्भुत प्रेम था!

Radha krishna love story in hindi  राधा कृष्ण के अद्भुत प्रेम


तीनों लोकों में राधा नाम की स्तुति सुनकर एक बार  देव ऋषि नारद चिंतित हो गए!

Radha krishna love story


और होंगे भी क्यों नहीं  वे स्वयं भी तो कृष्ण से कितना प्रेम करते थे!

अपने इसी समस्या के समाधान के लिए श्री कृष्ण के पास जा पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि श्री कृष्णा सिर दर्द से कराह रहे हैं!

 नारद ने कृष्ण से पूछा "भगवान्" क्या इस वेदना का कोई उपचार नहीं है, तो कृष्ण ने उत्तर दिया,

'यदि कोई मेरा भक्त अपना चरणोंदक पिला दे,तो यहां वेदना शांत हो सकती है!

यदि रुकमणी अपना चरणोंदक पिला दे तो शायद लाभ हो सकता है!

नारद ने सोचा' भक्त का चरणोंदक श्रीमुख में ' फिर रुकमणी के पास जाकर सहारा हाल कह दिया

 रुकमणी भी बोली कि नहीं-नहीं देव ऋषि' मैं यह  पाप नहीं कर सकती!

नारद ने लौटकर कृष्ण के सामने रुक्मणी की असहमति व्यक्त कर दी!

तो, कृष्ण Love story  में  कृष्ण ने देवर्षि को राधा के पास भेज दिया!

राधा ने जैसे ही सुना, तुरंत एक पात्र में जल लाकर उसमें अपना पैर डुबो दिए और नारद से बोली" देव ऋषि इसे तत्काल कृष्ण के पास ले जाइए!

मैं जानती हूँ इसमें मुझे घोर नर्क मिलेगा, किंतु अपने प्रियतम के सुख के लिए मैं यह यातना भोगने को तैयार हूँ!

तब देव ऋषि नारद समझ गए कि तीनों लोकों में राधा के प्रेम की स्तुति क्यों हो रही है!

प्रस्तुत प्रसंग में राधा ने अपने प्रेम का अद्भुत परिचय दिया है यही है सच्चे प्रेम की पराकाष्ठा, जो लाभ हानि की गणना नहीं करता!

Radha krishn की समर्पण का भाव


राधा शक्ति का अवतार मानी जाती है कहा जाता है  राधा कृष्ण के प्रति समर्पित थी!

वृंदावन के माखन चोर जब भी बांसुरी बजाया करते थे राधा उनकी घुन में पूरी तरह खो जाती थी और खुद को नाचने से रोक नहीं पाती थी!

जब radhe krishn में  कृष्ण यमुना नदी के अंदर कालिया नाग का वध करने गए तब वृंदावन में सभी कृष्ण की कुशलता की प्रार्थना कर रहे थे,,

उस समय राधा ही थी जो कृष्ण के लिए जान देने के लिए भी तैयार थी!

इस तरह राधा कृष्ण की अद्भुत समर्पण प्रेम और त्याग की भावना थी!

Conclusion radha krishn ka prem उपसंहार


 राधा कृष्ण की जोड़ी से हमें प्यार और जिंदगी की बहुत सी चीजें सीखने को मिलती है!

दोनों के प्यार में समर्पण, धैर्य दोनों का प्यार एक ऐसी मिसाल है  जिससे आज के प्रेमी और प्रेमिका बहुत कुछ सीख सकते हैं!






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