School love story


एक स्कूल की दर्द भरी प्रेम कहानी।, 

दोस्तों जब मैं 10 th क्लास में था तब मैंने अपने स्कूल मे नामांकन लिया,


पूरे क्लास में मैं अपने दोस्तों के अलावा किसी से भी बात नहीं करता था, फिर जैसे जैसे दिन बीतते गए मैं सभी से बात करने लगा।


और धीरे धीरे लगभग क्लास के सभी लड़के मेरे से बात करने लगे। 


ऐसा करते करते लगभग 5 महीने बीत गए। 


मैंने ध्यान दिया कि क्लास मे एक लड़की की थी वो ना ही किसी से बात करती और ना ही किसी की तरफ देखती।


दोस्तों के साथ पढ़ने मे,👉 school love story "दोस्तों के साथ घूमने मे, दोस्तों के साथ खेलने मे मुझे बहुत मजा आता था।


एक दिन मेरे दोस्त विजय ने मुझसे एक शर्त लगाने की बात कही।


मैंने उससे पूछा कि किस चीज की शर्त....?


तब उसने कहा कि यदि तुझमे दम है तो उस लड़की को प्रपोज करके दिखा और इस काम के लिए तेरे पास बस एक महीना है।


मेरे मन मे कई तरह के ख्याल आने लगे मुझे लगा कि वह लड़की क्या सोचेगी। 


लेकिन दोस्त ने मेरी हिम्मत बढ़ाते हुए कहा कि मैं ये कर सकता हूं।इसलिए मैंने शर्त स्वीकार कर लिया।


School love story kahani के दिलचस्प बात


अगले दिन मैं स्कूल में आया और मुझे काफी डर लग रहा था लेकिन मैंने हिम्मत करके दीक्षा को Hiii बोल दिया और उसने मुझे Hello कहा।


फिर मैं उससे जान बूझकर इधर उधर की बातें करने लगा ताकि वो मुझसे बात करे।


इसी बीच मैंने उससे उसकी कॉपी ले ली ताकि इसी बहाने अगले दिन फिर से हम दोनों की बातें हो सके। पहले दिन हमारे बीच बस इतनी ही बात हुई। 


अगले 6-7 दिन तक मैं उसे किसी ना किसी बहाने से बात करता रहा और school life love के पल वो भी मुझसे बात करते चली गयी। 


ऐसा करते करते मैंने उसके बारे में सब कुछ जान लिया।


एक तरफ था दोस्त के द्वारा वह शर्त और दूसरी तरफ उस लड़की को प्रपोज करने का डर।


मैंने सोच लिया कि मैं अब उसे प्रपोज करूँगा। सिर्फ 7 दिन बाकी थे शर्त को पूरा करने के लिए, मैंने सोचा था कि मैं उसे एक दिन पहले प्रपोज करूँगा।


दीक्षा लगातार दो दिनों तक स्कूल नहीं आई मैं बिल्कुल डर गया था कि कहीं वो प्रपोज वाले दिन भी नहीं आई तो।


Love story के i love you too लम्हें


दोस्तों सच कहूँ तो इस शर्त के वजह से धीरे धीरे मुझे दीक्षा से प्यार होने लगा... था, 


पता नहीं क्यूँ मुझे पूरा यकीन था कि वह उस दिन जरूर आएगी।


मैंने उसका उस दिन बहुत इन्तेजार किया, फिर मुझे वह आती दिख गयी। 


मैं तो जैसे पागल सा हो गया, मेरे अंदर मानो ढेर सारी खुशियाँ अपने आप आ गयी थी, जैसे मेरे अंदर ढेर सारी हिम्मत आ गयी थी।


लेकिन मैं अंदर से डर भी रहा था फिर भी मैंने अपनी आंखों को बंद किया और उसे ये बोल दिया i love you मैं तुमसे प्यार करता हूँ।


इसके बाद जब मैंने आँखें खोली तो मैंने देखा कि वह मेरे सामने से जा चुकी थी और एक बेंच पर जाके बैठ गयी थी।


मैंने उससे दोबारा पूछा और अपना जवाब माँगा उसने कहा कि वह सोचकर बताएगी।


स्कूल खत्म होते ही एक लड़की मेरे पास आई और उसने कहा कि आपको दीक्षा बुला रही है।


School love story "मैं बहुत डर गया था लेकिन मैं उसके पास गया उसने धीरे से मेरे कान मे बोला कि मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ।


मैं जैसे पागल सा हो गया, मुझे लग ही नहीं रहा था कि मैं एक आम आदमी हूँ मुझे लग रहा था जैसे मैं राजा बन चुका हूँ.... 


वो जो उस समय मैं महसूस कर रहा था वह मैं आपको बता नहीं सकता।


Love story school के कुछ बड़कपन


धीरे धीरे हमलोग एक साथ रहने लगे, हमलोग दोनों ने एक साथ ही कॉलेज मे नामांकन लिया,


हम दोनों मस्त बात करते थे एक दूसरे को अपना खुशी जाहिर करते थे, एक दूसरे की बातें शेयर करते थे!

हम बहुत कुछ सोचे थे.. कॉलेज में क्या करेंगे....? कैसे इंजॉय करेंगे.... घूमेंगे फिरेंगे और मस्त रहेंगे, school love story, सब कुछ बात कर चुके थे!


हम जिंदगी के उन लम्हों को जियँगे जो हर इंसान students कॉलेज life को enjoy करते हैं!


हमलोग दोनों कॉलेज एक साथ ही जाते थे और  अधिकतर समय एक साथ ही आते थे।


मैं हर रोज उसे उसके मोहल्ले तक छोड़ने जाता था, उसके घर के थोड़ा दूर मोहल्ले में छोड़ता था, बहुत अच्छा लगता था हमदोनों को एक साथ रहने मे।


Conclusion उपसंहार school love shayari


कहानी का अंतिम भाग :-

एक दिन मैं कॉलेज नहीं आया क्यूंकि मुझे घर में बहुत जरूरी काम था लेकिन मुझे नहीं पता था कि मेरे साथ ऐसा होगा।


मैं उस दिन बर्बाद हो गया, मेरी जिन्दगी रुक सी गयी थी। 


10 मिनट पहले ही मेरी उससे बात हुई थी उसने कहा था कि कॉलेज की छुट्टी हो गयी है मैं घर पहुँचकर बात करती हूँ।


उसका फोन शाम तक नहीं आया, शाम से रात हो गयी लेकिन school love story के उस पल उसका फोन नहीं आया..


सुबह भी हो गयी लेकिन उसका फोन नहीं आया।


मैं अगले दिन कॉलेज पहुँचा लेकिन वह मुझे कहीं नहीं दिखी। 


मैं जैसे ही कॉलेज पहुँचा मेरे दोस्तों ने बताया कि कल दीक्षा का सड़क पार करते समय एक्सिडेंट हो गया।


मुझे यकीन नहीं हो रहा था लेकिन सच्चाई तो यही थी, लेकिन खुदा को कुछ और ही मंजूर थी भगवान ने हमें दूर कर दिया..


आज भी मैं उसका इन्तेजार करता.... हूँ।



 

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