Love story hindi


      एक हसीना सोलह आशिक

रोजी  बीटेक करने नोएडा क्या चली गयी कई लौंडे भरी जवानी में विधवा हो गये love story hindi दिल का सुहाग ऐसा उजड़ा कि परदीपवा  एयरफोर्स में भर्ती होकर अब पापा बनने वाला है 


चनमनवा टीडी  कॉलेज में नेता होकर समाजवाद में आजकल  ठेकेदारी कर रहा है....

उसको..कहता है “रोड तो उखाड़ ही दूंगा लेकिन रोजी ने जो प्यार में दर्द दिया है उसको कोई समाजवाद कैसे उखाड़ सकता है...?

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हउ सन्दीपवा.रोजी का तीसरका प्रेमी।कभी स्कूल में दिन भर इतिहास भूगोल की नोटबुक में रोजी का फ़ोटो बनाता था...

उसको भी रोजी ने दस ही दिन प्यार किया था.दस दिन में लौंडे ने पता न कितना प्यार किया लेकिन कौशल विकास इतना जरूर हो  गया  कि वो अब घर घर घूम घूम खिड़की दरवाजा पेंट कर रहा। कहता है “उसकी  यादों को हरे रंग से पेंट करता हूँ।”

एक सुशील जी थे उसके परम वरिष्ठ प्रेमी..रात दिन रोजी के लिये शायरी और कविता लिखकर,love story hindi मोहल्ले में माहौल  साहित्यिक बनाने का असफल बीड़ा उठाया ही था,तब तक उनको पता चला कि रोजी का सेटिंग आटा चक्की वाले रजेसवा से हो गया है। 

हाय! सुशील जी ने दिल पर बीटेक्स लगाकर अपने जीवन की अंतिम  कविता लिख डाली.

“चनमन,परदीप,कभी सन्दीप पर मरती हो।
हाय! इश्क भी  तुम समाजवादी करती हो।”

लेकिन भाईयों भौजाइयों…मुझे परदीपवा,चनमनवा,सन्दीपवा को देखकर कभी कभी लगता है की ये प्रेम के समाजवादी विकास का यूपी माडल है। 

परदीप आजकल डेजी से इश्क फरमा रहा। चनमन को एक भौजी बहुत लाइन देतीं हैं। 

सन्दीप भी मोहल्ले के शर्म अंकल की बेटी को रोज निहारता है।आज ये समाजवादी प्रेम   होली में सेक्यूलर हो गया है।

Love story in hindi की मजेदार बातें


रोजी कल ही नोएडा से घर आ गयी।..आज सुबह जब कैफ्री पहन दूध लेने जा रही थी,तब मोहल्ले के मोड़ पर हलचल देखने लायक थी.. 

लग ही नहीं रहा था कि आज होली है..एकदम ईद का माहौल था…

वो लौंडे जिनको पता नहीं कि उनका बीए में कौन कौन सा सब्जेक्ट है…वो भी सबको बता रहे…”रोजी मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ती है तीसरा समेस्टर है..

"जिस मोहल्ले के कलुआ को पता नहीं कि वो कल नहाया था या नहीं वो भी बता रहा कि..”रोजी वाइल्ड स्टोन लगाती है” लव स्टोरी इन हिंदी

सबके चेहरे पर न जाने कितने दिन बाद आज रौनक आई है. love story hindi वो तो भला हो मोहल्ले के वर्मा जी के किरायेदार की बेटी का,वरना मोहल्ले के सारे लौंडे रोजी के जाने के बाद सन्यास ही ले लिये होते।

इधर कल खेदन नवेडा से आ गये.भौजी के लिये चार दर्जन चूड़ी..लमहरकि बिंदी..और अलता लाये हैं..भौजी का गोड़ तो जमीन पर नहीं पड़ रहा था…
लग रहा था की उछलकर आसमान में छेद कर देंगी। 

पिंकिया भी आज फ्राक सूट खरीद कर लाइ है..मंटूआ के बाबूजी ने नया कपड़ा खरीदने से मना कर दिया है..

Hindi love story में दिलचस्प बातें


कहते हैं..”अप्रैल में भइया के बियाह में खरीदेंगे..”पिंकीया को पता चला तो वो उदास हो गयी..और बड़े प्यार से कहा…”जाने दो तुम नया नहीं पहनोगे तो हम भी नहीं पहनेंगे।”

आय हाय…..इस इश्क की ऊंचाई को मैं नाप ही रहा था तब तक देखा कि बैंगलोर,अहमदाबाद,जयपुर और दिल्ली रहने वाले तमाम लोग गाँव आ चूके हैं.

भाई,भौजाई सब.सब पैर छु आ दूसरे से छूवा रहे हैं.क्या अद्भुत संस्कारी और  संघी माहौल हो गया है गाँव में..कह नहीं सकते।

नई लव स्टोरी हिंदी "इधर जितनी नई भौजाईयां मोहल्ले आई हैं..मने एंड्रॉयड की लॉलीपॉप वर्जन वाली..उनको कौन रंग लगाएगा ये चर्चा का विषय है।

क्या है कि आजकल की बीटेक एमटेक वाली भौजाइयां  इतनी नाजुक होती हैं कि उनके मुंह से ‘शीट,ओफ़्फ़,हाउ रबिस,नानसेंस टाइप नखड़े देखकर मन करता है..खुद ही अपने गाल में रंग पोतकर घर चले आएं।

अरे एक वो भी तो भौजाई ही थीं. सीमा और प्रतिमा भाभी टाइप.. इंटर,बीए वाली.मने अभी देवर जी हाथ में रंग लेकर पानी के बारे में सोच ही रहे हैं तब तक देवर जी का पेंट और गंजी खुल कर अधोगति को प्राप्त हो जाता था…

देवर जी के इज्जत का ईंधन जलने के बादभौजाईयों की हंसी देखने लायक होती थी। समय परिवर्तन शील है खैर।

लव स्टोरी हिंदी Love story hindi अंतिम लम्हों


 गाँव में सिरपत कोंहार,गंगा लोहार,बेचू तुरहा,ओकील चमार आ मोहन पांडे,रजिंदर मिसिर एक्के संगे जोगिरा और फगुआ गा रहे थे। 

सम्मत बाबा लोहिया” खूब गवाया.आ खूब जोगीरा बोला गया।फगुआ गायन हो रहा था कि मुझे इस होली में  एक डांसर की कमी महसूस हुई.

दिलीप मण्डल जी का नाम कई बार जेहन में आया.. सोचा उनसे कहूँ की महराज एक ठुमका लगा दिजिये न इस हमारे गाँव वाले फगुआ पर।

Love story hindi तब तक सिरपत कोंहार बोले ” इ बबुआ संहु राय के नाती हो न..आज चार काठा खेत हम उनके चलते जोत रहे हैं ना त जीतन चमार हमको फर्जी तरीके से बेदखल कर दिया था।”

हाय..! हम अपने बाबा आ आजी को क्यों नहीं देख पाय इसका दो घण्टा अफसोस रहा।

फेसबुक खोला तो देख रहा कि जिनको राहुल गांधी में पीएम नज़र आता था उनको कन्हैया जी में भगत सिंह नज़र आने लगें हैं।

उनकी नज़र को नज़र न लगे..क्योंकि उनके आँखों के इस मोतियाबिंद का कोई इलाज नहीं है।

अब अफज़ल प्रेमी गैंग के स्टार नेता को भगत सिंह कहा जा रहा है.आज भगत सिंग कितने कष्ट में होंगे कहा नही जा सकता तीनों शहीदों को नमन है।




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