Friend love


Best friend love story


कहानी friend love सुबह के ठीक 8:00 बजे थे मैं अपने फ्लैट में ताला लगा रहा था अंदर टंकी ग्रैंडफादर क्लॉक के पेंडुलम से दाएं बाएं झूलने की आवाज आ रही थी बार-बार बिगड़ जाने के बाद भी मैं इसको पुराने शहर की तंग गलियों में छुपे बुजुर्ग घड़ी सालों से सुधर वाला तथा पुरानी चीजों को सही जे रखना शौक है मेरा पुरानी यादों को भी तंग करती है


Friend love


friend love यह पुरानी चीजें और यादें भी लेकिन मन बड़ा जिद्दी है मानता नहीं हर रोज घड़ी के पेंडुलम की आवाज के साथ मुझे महिमा याद आ जाती है बेचैन हो जाता हूं मैं पर यह बेचैनी मेरी आदत सी बन गई है मैं ताला लगा लगाकर थोड़ी देर बंद दरवाजे के सामने खड़ा सोचता रहा कि सुबह-सुबह नौकरी पर जाने की हड़बड़ी में महिमा को याद करना ज्यादा जरूरी है या इस बात पर ध्यान लगाना के प्रेजेंटेशन वाली पेनड्राइव रखी कि नहीं पावर बैंक



कि नहीं...? और नाश्ते के बाद ली जाने वाली दवाई भी जानता हूं आज मेरे सारे जतन बेकार हो जाने है कल रात से महिमा का अक्स आंखों में और फोन पर कहे उसके शब्दों में धरना दिए बैठ गए हैं friend love 5 मिनट बाद में सोसायटी के पार्किंग लॉट से बाहर निकल रहा था मैंने एक्सीलरेटर पर पांव दबा भोपाल से लगे हुए औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप की एक दवाइयों की फैक्ट्री में काम करता था सो जाने वालों की भीड़ रहती थी इसलिए मैंने समय से थोड़ा पहले निकलने की आदत डाल ली थी शहर से निकलकर हाईवे पर आया तो मैंने कार स्टीरियो का वॉल्यूम बढ़ा दिया था कि 45 मिनट की लंबी ड्राइव में महिमा याद ना आए लेकिन पिछले 4 सालों में ऐसी कोशिश ऐसी कोशिश नाकामयाब हुई है चली ही आती है मेरे जहन में महिमा मेरी कॉलेज के 5 सालों की दोस्त 3 साल ग्रेजुएशन और पोस्ट हो चुकी है हो चुकी है तब हम दोनों सागर की हरिशंकर गौर यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे बी फार्मा का कोर्स करते करते हम एक दूसरे के दर्द की दवा भी बनने लगे थे मेरे लिए दवा नहीं थी आज भी है उनके साथ


I love my best friend friendship love quotes


में धीरे-धीरे ऐसा गहरा निशान बनाया था जिसे वक्त को मरहम अब तक ठीक नहीं कर पाया और अब उसका वह फोन कॉल और कॉल नहीं उसने मुझे बोला था नहीं जानता ऑफिस कब ऑफिस के सामने तक आ गई मुझे पता ही नहीं चला सिक्योरिटी गार्ड मेरा कार्ड मांग रहा था टाइप करके होती है हमारे पास ऐसा ही कार्ड और सिस्टम होता जिससे हम किसी की लाइफ में इंट्री मार सकते हैं friend love  क्या बस मैं महिमा की जिंदगी में हो पाता वैसे ठीक ठीक कहो तो मैं कहा कि जिंदगी में शामिल था लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह चाहता था मैं कॉलेज में उसका बेस्ट फ्रेंड था अच्छा दोस्त और जब के साथ हर बात की सीमाएं होती हैं हमारे बीच में थे लेकिन मेरा मन सीमाओं को लाने के लिए बेचैन रहने लगा था मैं उसे प्यार करने लगा था एक एक एक दोस्त से कहीं ज्यादा यह जानते हुए भी कि वह मुझको उस तरह से नहीं चाहती मैं अपने आप को रोक नहीं सका था मैं शायद उसके लिए नहीं अपने आप के लिए प्यार कर रहा था



Friendship love मैंने अपनी बाहें उसके इर्द-गिर्द लपेट दी थी और और वैसे ही शायद पूरी शाम को 4:00 देना चाहता था लेकिन उसने खुद को छुड़ा लिया शायद शायद उसे वैसा महसूस ही नहीं हुआ जैसा मैं कर रहा था चल फिर मिलते हैं क्या करूं जल्दी और अगले ही पल में वहां अकेला बैठा हूं से सवाल कर रहा था कि यह क्या है मैं बेस्ट फ्रेंड का किरदार निभाते निभाते महिमा से प्यार करने लगा था 21 22 के उस नाजुक उम्र में भी मैं उसे दिल की गहराई से एक दम एकदम सच्चा वाला प्यार करता था और महिमा वह बात बात पर दोस्ती का दम भर्ती और मैं कोई बुला कर रह जाता



Friend love और i love you best friend 



कहूं तो मुझे बहुत तकलीफ होती है उसका दोस्त बने रहने में अपने आप को उसके करीब जाने से रोकने में कॉलेज के बाद हम अलग अलग-अलग रास्ते चल दिए थे बिना कोई वादा किए बिना कोई उम्मीद जगाई भी च सी बीसीओ कम्युनिकेशन के तरीके थे इसलिए हम जुदा होकर भी जुड़े जरूर रहे मैं भोपाल में था और वह जबलपुर चली गई अपने पापा के पास पहले हम रोज फोन पर बातें करते थे फिर हम दोनों की नौकरी लग गई दवाइयों की बड़ी फॉर्म में प्रोडक्शन मैनेजर हो गया और वह जबलपुर साइंस कॉलेज में लेक्चरर वक्त कम होता गया तो संवाद भी करता गया की महिमा मेरे भीतर उतनी ही बनी रहे अपूर्णता में भी एक भी एक खास जगह बनाए रखते हैं जैसे किसी सॉकेट में कुछ खाली जगह हो के रूप में प्रेम से भरे जाने के केंद्र में त्यौहारों फ्रेंडशिप डे जैसे मौकों पर मैसेज आए होंगे या संवाद हुआ होगा जिसकी मैं कभी न जरूरत समझ पाया ना बजे जान पाया हाय कैसे हो और क्या चल रहा है पहुंचकर कॉपी और सैंडविच के बीच वह मुझे




रही पापा को 6 महीने पहले माय हार्ट अटैक आया था और आईसीयू में वह पाइप्स में मशीन में और ऑक्सीजन मास्क में घिरे रहते हुए भी उन्होंने मेरी शादी की रट लगा दी थी यार पूरे फिल्मी डायलॉग बोलने लगे पापा कहते हैं जीते जी तेरा घर बस्ते देखना चाहता हूं कहते हुए जरा सा हंस पड़ी तुझे बस इतना कहना है था दम दम भर जो उधर मुंह फेरे ओ बिना पल बिना पलक झपकाए मेरी तरफ देख रही थी मैं पी नजर उसके चेहरे से हटाना नहीं चाह रहा था मैंने झुककर नदी के पानी में हाथ डाल दिया चाहे ठंडा पानी मेरे होश वापस ले आए गाइड गा रहा था मैं तुमसे प्यार कर लूंगा बात है friend love हजार कर लूंगा मुझे लगा जैसे कोई जादू हो रहा हो हूं मैं फिर धीरे से उसकी तरफ झुक रहा था उसकी पॉल से पानी की बूंदे हवा में गलती हुई मेरे और महिमा के चेहरे तक पहुंच रही थी महिमा मेरे करीब खड़ी मुझे बता रही थी उसकी आवाज



प्यार in love with my best friend  friends with benefits relationship



थी जानते हो पापा ने जब शादी की जिद के साथ करनी शुरू की तो उन्होंने शर्त रखी कि मैं ना मानी तो वह दवाई लेना बंद कर देंगे तब इतनी बड़ी दुनिया में बस तुम ही मेरे माइंड में क करो उसकी चौक कर उसकी तरफ देखा friend love  एक पल को मुझे लगा जैसे यही तो बात है महिमा मुझसे अपने प्यार का इजहार कर रही कहते कहते कहते कहते चुप हो तुम ही तो हो जो तो हो जो हमेशा मेरे साथ खड़े रहे लगा जैसे लगा जैसे वह मुझसे नहीं उस वक्त अपने आप से बातें कर रही महिमा महिमा पर एक बार फिर बहुत प्यार आने लगा था मुझे लगा कि अपने आप से बात करता है इंसान दुनिया का सबसे अकेला शख्स होता है और अकेलापन कभी भी हमारी चॉइस नहीं होता मैंने जरा सा सड़क कर अपना कर अपना बाया हाथ महिमा के कंधे के आसपास लपेट दिया मुझे कॉलेज के जमाने की अल्लाह महिमा याद आने लगी जो एक सुबह मेरे हॉस्टल रूम का दरवाजा खटखटा की धमक गई थी उसके हाथ में




की हास मिठाई थी चिरौंजी की बर्फी मेरी जुबान पर उस मिठाई के साथ बीते दिनों की मिठास घोलने लगी दिन जब मैं मा जब महिमा का हर पागलपन में बिना शिकवे शिकायत जेल जाता था उसके बनते बिगड़ते मूड को बर्दाश्त करता रहता था friend love मुझे कॉलेज की वह महिमा याद आई जो कैंपस में मिलते ही मुझे कौन है मैं खींच के ले जाती है और अपना पिछली रात का सपना सुनाती मैं कल रात सपने में नहीं थी थी समझते नहीं देखा होगा ना कभी कस्बों में बैलेंस पड़ा था मुझे लगा था कि मैं उस उसी को तान के उनके हुआ आदमी ही तो हूं के कि कहीं गिर ना जाए कहीं का खेल खराब ना हो जाए कहीं इसका भरोसा टूट ना जाए की आवाज से मैं तो नर्मदा धुआंधार के आधार की आवाज धुआंधार की आवाज कानों में हैं हैं ना कि मुझे तुमसे बहुत प्यार है मैं बोलता जा रहा था पता नहीं था शाम ना झड़ने का पानी पानी पानी से थोड़ा भीगे भीगे से मैं और महिमा होटल पहुंचे और अपना कैंसिल कर दिया मेरे पास बैठी स्क्रीन बाद में बाद में उस उसके पापा के सामने बैठा और और के निशान और उनकी आंखों में पड़ सकता था जैसी चलती है बार-बार रुक जाने की धमकी दे रही थी मैं महिमा के बेटी के भीतर महसूस कर रहा था!


लव i miss my ex और  i love my friends & friend love


 कैसी चल रही है तुम्हारी जॉब फार्मा कंपनी में हो उन्होंने पूछा वही मुझे पकड़े हुए मेट्रो सिटीज में नहीं हूं मैंने कहा तुम खुश रहोगे तभी तो महिमा को खुश रख पाओगे ना उन्होंने उम्मीद भरी आवाज से कहा तो मैं शर्मा गया जैसे झूठ बोलने के बाद मां के सामने खड़ा बच्चा होता है मैंने आगे झुक कर उनकी हाथ थाम ली उनकी आंखों का पीलापन मेरी पलकों में उतर आया मैंने जेब से रुमाल निकाल कर बहाने से आंखें पोंछ ली, friend love  पिछली बार कब इस तरह तक आंखें नम की थी महिमा पतझड़ में गिरे पत्ते की तरह चेहरा लिए मुझे और अपने पापा को देखती पापा से बोला गया झूठ उसके गले में भी अटक गया था थोड़ी देर बाद महिमा के पापा सोने चले गए वह कॉफी के दो भाग लेकर मेरे करीब आकर बैठ गए पापा कितने खुश हैं तुमको देख कर मेरा झूठ पकड़ भी नहीं पाए मैंने हल्का सतन दिया लहजे में कहा महिमा नजरें नीची किए कॉफी के मक्के ऊपर चढ़ते हल्के भूरे झाग में फूंक मारते टूटते बुलबुलों को ताकती रहती




उसकी शक्ल देखकर अपने कहे का अफसोस हुआ हम सॉरी यार पता नहीं क्यों तुम्हारे पापा का मेरे लिए जो विश्वास दिखाना वह थोड़ा मुझे अनकंफरटेबल लग रही है


खुश रखने का झूठा वादा किया है मैंने उनसे यह कहते हुए मुझे लगा जैसे मैं कोई हार गया हूं और दशकों में बैठे मेरे अपने अपने होकर मुझे देख रहे हैं friend love विश्वास का थोड़ा जाना कितना दुखद है यह पहले नहीं जानता था मैं आने वाले पूरे सप्ताह में महिमा के घर आता-जाता रहा उसके पापा से मिलकर बीते और आने वाले दिनों की बातें करता रहा तो कब की तारीख तय करें तुम दोनों की शादी की एक दिन अचानक मेरे मेरे सॉन्ग की परीक्षा थी मैंने उदास होकर कहा मेरी बहन का रिश्ता हो जाए बस एक चाल तो नहीं मैंने अपराधी की तरह गर्दन नीचे कर ली रात को खाने की टेबल पर मेहमान आ तो हमेशा की तरह मुझ से आग्रह कर रही थी और ना ही कुछ खा रही थी रोटी के टुकड़े को देर तक होटल लौट होटल लौटने लगा तो




मुझको छोड़ने बाहर तक आई आई बगीचे के गेट पर उसने मेरी कलाई थाम ली रुक जाओ ना उसने मनुहार करते हुए कहा मैं चुप रहा वह मेरी आंखों में तैरती हुई बोली देख नहीं पा रही थी कि कि मैं चाहती क्या हो हो समझ नहीं सकी के बेस्ट फ्रेंड ही तो राइट मैन होता है मैं चौक का चौका उसकी हथेलियां मेरी हथेलियों पर कसने लगे और स्पर्श मेरे लिए एक एकदम नया था उसने अपना सर मेरे कंधे पर टिका लिया और बोली शायद अब तक मुझे कोई नहीं मिला क्योंकि कोई तुम जैसा था ही नहीं friend love  मेरे मन के हाथों में तुम पहले से ही थे और वह किसी और की जगह थी ही नहीं ने झट उसकी बात पर हामी भर दी और उसका माथा चूम लिया की बंद की बंद आंखों से जरा सा प्यार छलक गया दोस्ती की देहरी पर खड़ी है लड़की प्रेम के दरवाजे पर दस्तक देती कितनी सुंदर लग रही थी!!










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